RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2022

रूह


तड़पती हैं मेरी ‌‌‌‌‌रूह देख‌ बेटी का 
ये हाल कैसे समझाऊं मैं अपनी 
कोख को जब जब जल रही है 
बेटियां हर वक्त किसी के हाथों 
का हो कर शिकार,  रूह मेरी कांप 
कर रही है सवाल कैसे कहूं इसे 
जीवन जहां जीवन ‌‌की कीमत 
चंद ‌‌पलों की खुशी पर कुर्बान हो 
रही है, कैसे काप रही है मेरी रुह 
देख हर किसी का हाल। 

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6 Comments

Muskan khan

19-Dec-2022 04:05 PM

Well done

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RAKHI Saroj

19-Dec-2022 06:20 PM

धन्यवाद

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Punam verma

18-Dec-2022 09:50 AM

Very nice

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RAKHI Saroj

19-Dec-2022 06:20 PM

धन्यवाद

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Abhinav ji

18-Dec-2022 09:27 AM

Very nice👍

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RAKHI Saroj

19-Dec-2022 06:20 PM

धन्यवाद

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